वेटर से IAS बनने तक का सफर – Short Inspirational Story for Students in Hindi By Akash Soni

पॉलिटेक्निक कॉलेज में करवाया दिया। जयगणेश ने भी सोचा कि वो इसके बाद नौकरी कर लेंगे, जिससे परिवार चलाने में मदद हो जाएगी।

Short Inspirational Story for Students in Hindi


छात्र जीवन में सफलता पाने की सबसे बड़ी कुंजी है अभ्यास। सफलता हासिल करने के लिए जितनी बार कोशिश की जाए, उतना अच्छा होता है। बार- बार कोशिशों के बावजूद भी अगर सफलता हासिल ना हो तो हमें हार नहीं मानना चाहिए, बल्कि कोशिश करते रहना चाहिए। दोस्तों आज हम आपके लिए एक ऐसी ही सच्ची कहानी लेकर आए हैं, जिसमें सिविल सर्विस की परीक्षा में छह बार फेल होने के बावजूद तमिलनाडू के रहने वाले जयगणेश ने हार नहीं मानी और सांतवी बार में अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया।


के जयगणेश (K. Jaiganesh) का जन्म तमिलनाडू के वेल्लौर जिले के विनयमंगलम गांव में बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था। जयगणेश के पिता एक फैक्टरी में सुपरवाइजर का काम करते थे और उनकी मासिक तनख्वाह 4500 रुपए थी। चार भाई- बहनों में जयगणेश सबसे बड़े हैं।

 जयगणेश ने अपनी शुरुआती शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में ली। चूंकि जयगणेश पढ़ाई में काफी अच्छे थे, इसलिए उनके पिता ने किसी तरह भी पैसे जुगाड़ कर के मैट्रिक के बाद उनका एडमिशन पॉलिटेक्निक कॉलेज में करवाया दिया। 


जयगणेश ने भी सोचा कि वो इसके बाद नौकरी कर लेंगे, जिससे परिवार चलाने में मदद हो जाएगी।पॉलिटेक्निक कॉलेज में करवाया दिया। जयगणेश ने भी सोचा कि वो इसके बाद नौकरी कर लेंगे, जिससे परिवार चलाने में मदद हो जाएगी।


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